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Thursday 30 July 2015

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम 
जीवन यात्रा 15 अक्टू 1931 -27 जुलाई 2015

धनुष्कोटी गाँव, रामेश्वरम तमिलनाडु के मध्यम वर्गीय मुस्लिम संयुक्त परिवार में जन्मे महान व्यक्तित्व के धनी,  अंतरिक्ष विज्ञानं, परमाणु व विज्ञानं के अन्य क्षेत्रों में भारत एक महाशक्ति के स्वपन दृष्टा, मिसाइल मैन अनंत में लीन, उनके स्वप्न को साकार करना ही, एक सच्ची श्रद्धांजलि। देश के 125 कोटि दिलों की धड़कन की भावभीनी अंतिम विदाई में, समाज का हर वर्ग जाति समुदाय, हर आयु का हर व्यक्ति ऐसी पीड़ा का अनुभव कर रहा था जैसे राम वनवास में अयोध्या। किन्तु ये राम कभी लौट कर तो नहीं आएगा, केवल स्मृती पटल पर अमिट छाप के साथ अमर हो, धनुष्कोटी
के पी करूम्बु ग्राउंड की मिट्टी में सो गया।
आरम्भिक शिक्षा के संस्कार "जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भलीभाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।" राष्ट्रवादी सोच तथा व्यक्तिगत जीवन में शाकाहारी अति अनुशासनप्रिय डॉक्टर कलाम 18 जुलाई 2002 को 90 % बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुने गये थे। भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाली जीवनी "विंग्स ऑफ फायर", आत्मिक विचारों को उद्घाटित करती "गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ", राष्ट्रिय चिंतन पर इंडिया 2020 ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया' पुस्तकों सहित तमिल भाषा में कविताओं के रचयिता युगपुरुष डा कलाम, युगों युगों तक सदा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। 



सफलता का आनन्द कठिनाइयों के पार मिलता है। डा कलाम
वे किसी एक जाति के नहीं, राष्ट्र के सच्चे सपूत थे। उन्हें कोटि कोटि नमन। संपादक युगदर्पण 7531949051 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण