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Sunday 3 March 2013

इक्कीसवीं शताब्दी हमारी होगी: भाजपा

इक्कीसवीं शताब्दी हमारी होगी: भाजपा 
युदस | नयी दिल्ली, 2-3,  मार्च 2013 | आगामी वर्ष होने वाले आम चुनावों से पूर्व तथा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नए कार्यकाल में पार्टी की प्रथम राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सरकार बनाने के लिए सक्षम दिखी  भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि बीसवीं सदी भले ही कांग्रेस की रही हो किन्तु इक्कीसवीं शताब्दी उसकी होगी। 
 राजनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार और पार्टी देश में सुशासन, विकास और सुरक्षा के लिए समर्पित रहेगी। 
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राजनाथ के पार्टी के पुन: अध्यक्ष बनाए जाने पर औपचारिक स्वीकृति के साथ, आर्थिक व राजनैतिक प्रस्तावों सहित अन्य कई महत्त्व पूर्ण निर्णय लिए गए।  
पार्टी अध्यक्ष ने दावा किया कि संप्रग सरकार हर मोर्चे पर विफल रही  है और उसके कार्यकाल में भ्रष्टाचार, कुशासन तथा अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन से देश की साख को विश्व भर में धक्का लगा है ऐसे में 2014 का समय भाजपा का होगा। राजनाथ ने कहा कि संप्रग के शासन में इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी 4.3 के स्तर पर रही और देश में भाजपा शासित प्रदेशों के सुशासन के कारण ही भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की साख थोड़ी बची हुई है अन्यथा यह और नीचे चली जाएगी। राजनाथ ने बैठक में अभिभावक के रूप में पार्टी का मार्गदर्शन करने में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्वस्थ होने और उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की पस्थिति का उल्लेख भी किया

शनिवार को नई दिल्ली में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के उल्लेख के विशेष बिन्दू :
तालियों की गड़गड़ाहट में परिषद के 2200 के आसपास सदस्यों ने मोदी का विशेष स्वागत किया। 
उनके अच्छे शासन की प्रशंसा अम्रीका व् यूरोप सभी ने की विकास मॉडल की अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराहना की गई है।
* भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी का निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा उचित समय पर लिया जाना चाहिए।
"मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान बन गए हैं।
* सुशासन के मुद्दे पर उत्साहित भाजपा ने कांग्रेस नीत संप्रग को काराविदेश नीति, और आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद, अर्थव्यवस्था में विफल और भ्रष्टाचार में लिप्त संप्रग सरकार को राने का आवाहन किया।  
* सरकार में इच्छा शक्ति नहीं और इन मुद्दों से निपटने के लिए दृढ़ संकल्प का अभाव है।
* मोदी और उसके मध्य प्रदेश समकक्ष शिवराज सिंह चौहान ने संसदीय बोर्ड में शामिल किया जा सकता है। 
भाजपा ने सत्ता में आने पर एक अलग राज्य के रूप में उचित समय में तेलंगाना गठन के लिए वादा किया। 
विश्वास है कि इस वर्ष दो राज्यों में जब विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके छत्तीसगढ़ समकक्ष रमन सिंह का नाम भी लगातार तीन चुनावों में जीत का हो जाएगा।
* बहु - ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नीति के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति छोटे व्यापारी  को आघात है, "यह आर्थिक उथल - पुथल लाएगा, जिसे रोकना व हटाना चाहिए। 
* राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली और झारखंड, के आगामी विधानसभा चुनावों तथा 2014 के सामान्य चुनावों में अच्छी तरह से एकजुट होकर लड़ाई के लिए तैयारविजय की मुद्रा में दिखी भाजपा।
** आर्थिक संकल्प ** राजनेतिक संकल्प 
बैठक से पूर्व पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बैठक की जानकारी देते समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली का फोन टैप किये जाने के मामले में आज उच्च सदन में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि गृहमंत्री के बयान से भाजपा पूरी तरह संतुष्ट नहीं है किन्तु उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले में तेज जांच कराई जाएगी। प्रसाद ने कहा कि जेटली और अन्य लोगों का पिछले 6.7 महीने में फोन टैप किये जाने का मामला गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी सरकार से जानना चाहती है कि यह काम किसके कहने पर और कौन कर रहा था। पार्टी शिंदे के उत्तर की प्रतीक्षा करेगी
कार्यकारिणी की बैठक में राजनाथ ने अपने से पूर्व अध्यक्ष रहे अध्यक्ष नितिन गडकरी के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी ने जो सुदृद्ता प्राप्त की है वह उसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे
गडकरी ने भी अपने संबोधन में विश्वास जताया कि राजनाथ 
के नेतृत्व में पार्टी 2014 में केंद्र की सत्ता में पहुंचेगी। 

और भी...  पूरा पदें http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html
http://raashtradarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html

अध्यक्षीय भाषण 2 -3, मार्च 2013 - राष्ट्रीय परिषद की बैठक, तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली, में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व पुन: ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम बैठक में देश के विभिन्न कोनों से आए कार्यकर्ताओं के साथ, इस देश के लोगों की बड़ी अपेक्षाओं के दायित्व की भावना और अधिक चुनौतियों को बांटा। पूरा पदें- 
http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://raashtradarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://samaajdarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://kaaryakshetradarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://sarvasamaachaardarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://newsreel-realnews.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html

http://bharatchaupal.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
http://deshkimitti.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html
 http://yugdarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013.html

वीडियो - 1) http://www.bjp.org/index.php?option=com_content&view=article&id=8592:speech-sh-rajnath-singh-in-bjp-national-council-meeting-at-talkatora-stadium&catid=68:press-releases&Itemid=494
2) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=NQF3R5fmZVg
3)LKA http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=OOtPySZ7k-A
आर्थिक संकल्प मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान बन गए हैं। पूरा पदें, 
वीडियो 
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=-xhUX3Moubc
2) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=GCHwfRKsFIw#!
3) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=3DR3WO0EfPg
4) 
राजनैतिक प्रस्ताव यूपीए प्रधानमंत्री रूप में डा. मनमोहन सिंह के और श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में अनियंत्रित भ्रष्टाचार को परिभाषित यूपीए सरकार। पूरा पदें, वीडियो 
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=EkoSiWy2YNY
2) http://www.bjp.org/index.php?option=com_content&view=article&id=8598:points-made-shri-m-venkaiah-naidu-while-intervening-in-debate-on-political-resolution&catid=68:press-releases&Itemid=494
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

Thursday 14 February 2013

बसंत पंचमी 15.2.2013, इसे राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस रूप में मनाएं।

बसंत पंचमी 15.2.2013, इसे राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस रूप में मनाएं। 
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बसंत पंचमी के पावन पर्व पर माँ सरस्वती की कृपा हम सब पर बनी रहे । बसंत महोत्सव एक उल्लास का माह है । बसंत ऋतु का आगमन: प्रकृति अपने आगमन का आभास आपको स्वत: करा देती है खेतो मे पीली पीली सरसों और हरे गेहूं का सामंजस्य एक कलाकार के द्वारा उकेरी हुई कलाकृति की भाति ह्रदय को प्रफुल्लित करता है । बसंत पंचमी के दिन नए कार्यो का शुभारम्भ हो जाता है। प्राचीन समय मे बच्चो की पढाई आज से ही शुरू होती थी, तख्ती पूजी जाती थी।
आज बसंत पंचमी वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस है, हो सके तो बहादुर बालक की वीरता का स्मरण करे। बसंत पंचमी 15.2.2013 तथा वीर बालक हकीकत राय का बलिदान दिवस, देश की वर्तमान दुर्दशा से निकलने के लिए, हमें फिर से ऐसे बालक घर घर में हों, यह संकल्प लेना चाहिए। 
मुग़ल काल में अब से 280 वर्ष पूर्व बसंत पंचमी के दिन, बसंत के रंग में भंग डाला गया, आज भी देश वही सब कहीं अधिक भुगत रहा है। तब देश व धर्म के लिए भागमल खत्री (सियालकोट पंजाब) व माता दुर्गा देवी के 12 वर्षीय वीर बालक हकीकत राय का 1734 में बलिदान हो गया। देश की स्वतंत्रता के लिए अमर शहीद भगत सिंह, राज गुरु, सुखदेव, हँसते -2 फांसी के तख्ते को चूम गए, तो इसी परम्परा की कड़ी थी। 
आधुनिकता व कथित प्रगतिशीलता की शर्मनिर्पेक्षता ने वह कड़ी तोड़ डाली, अब क्रान्तिकारी नहीं बलात्कारी पैदा होने लगे। परम्परा की पुरानी कड़ियों को जोड़ कर, आधुनिक इंडिया को बदल, आदर्श भारत बनायें। दिल माने तो, यह सन्देश घर घर पहुचाएं। -तिलक युग दर्पण मीडिया समूह YDMS. 9911111611. 
वीर हकीकत राय की जीवन गाथा: यह 1734 घटना की है। जब भारत पर मुगलों का क्रूर शासन था। भागमल खत्री (सियालकोट पंजाब) व माता दुर्गा देवी के धर्म परायण, आरंभ से ही कुशाग्र बुद्धि रहे वीर बालक हकीकत राय ने 4-5 वर्ष की आयु मे ही इतिहास तथा संस्‍कृत आदि विषय का पर्याप्‍त अध्‍ययन कर लिया था। 10 वर्ष की आयु मे फारसी पढ़ने के लिये मौलबी के पास मदरसे मे भेजा गया। वहॉं के मुसलमान छात्र हिन्‍दू बालको तथा हिन्‍दू देवी देवताओं को अपशब्‍द कहते थे। बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और उन मुस्लिम छात्रों को वाद-विवाद मे पराजित कर देता। 
तब एक दिन कुछ मुसलमान बच्चो ने मिलकर उसे गालियाँ दीं। पहले तो वह चुप रहा। वैसे भी सहनशीलता तो हिन्दुओं का गुण है ही... किंतु जब उन उदंड बच्चों ने धर्म का अपमान की गालियाँ देनी शुरु कीं, तब उस वीर बालक से अपने धर्म का अपमान से सहा नहीं गया।
हकीकत राय ने कहाः "अब हद हो गयी ! अपने लिए तो मैंने सहनशक्ति को उपयोग किया किन्तु मेरे धर्म, गुरु और भगवान के लिए एक भी शब्द बोलोगे तो यह मेरी सहनशक्ति से बाहर की बात है। मेरे पास भी जुबान है। मैं भी तुम्हें बोल सकता हूँ।" उद्दंड बच्चों ने कहाः "बोलकर तो दिखा ! हम तेरी खबर ले लेंगे।"हकीकत राय ने भी उनको दो-चार कटु शब्द सुना दिये। बस, उन्हीं दो-चार शब्दों को सुनकर मुल्ला-मौलवियों को खून उबल पड़ा। वे हकीकत राय को ठीक करने का अवसर ढूँढने लगे। एक ओर वे सब लोग और हकीकत राय अकेला दूसरा ओर।
उस समय मुगलों का ही शासन था, बालक के परिजनो के द्वारा लाख सही बात बताने के बाद भी, काजी ने एक न सुनी। इसलिए हकीकत राय को जेल में कैद कर दिया गया और निर्णय सुनाया कि 'यदि तुम कलमा पढ़ लो और मुसलमान बन जाओ तो तुम्हें अभी माफ कर दिया जायेगा और यदि तुम मुसलमान नहीं बनोगे तो तुम्हारा सिर धड़ से अलग कर दिया जायेगा।'
उस बालक ने कहा मैंने गलत नही कहा और मैं इस्लाम स्वीकार नही करूँगा । हकीकत राय के माता-पिता जेल के बाहर आँसू बहा रहे थेः "बेटा ! तू मुसलमान बन जा। कम से कम हम तुम्हें जीवित तो देख सकेंगे !" .....किंतु उस बुद्धिमान सिंधी बालक ने कहाः "क्या मुसलमान बन जाने के बाद मेरी मृत्यु नहीं होगी?"माता-पिताः "मृत्यु तो होगी ही।"हकीकत रायः ".... तो फिर मैं अपने धर्म में ही मरना पसंद करुँगा। मैं जीते जी दूसरों का धर्म स्वीकार नहीं करूँगा।
"क्रूर शासकों ने हकीकत राय की दृढ़ता देखकर अनेकों धमकियाँ दीं किंतु उस वीर किशोर पर उनकी धमकियों का जोर न चल सका। उसके दृढ़ निश्चय को पूरा राज्य-शासन भी न डिगा सका। अंत में मुगल शासक ने उसे प्रलोभन देकर अपनी ओर खींचना चाहा, किंतु वह बुद्धिमान व वीर किशोर प्रलोभनों में भी नहीं फँसा। अंतत: क्रूर मुसलमान शासकों ने आदेश दिया कि 'बसंत पंचमी के दिन बीच मैदान में हकीकत राय का शिरोच्छेद किया जायेगा।' बीबी फातिमा को वह गाली जो कि वीर हकीकत राय ने दिया ही न था, उस एक गाली के कारण उसे फॉंसी दे दी।
उस वीर हकीकत राय ने गुरु का मंत्र ले रखा था। गुरुमंत्र जपते-जपते उसकी बुद्धि सूक्ष्म हो गयी थी। वह 14 वर्षीय किशोर जल्लाद के हाथ में चमचमाती हुई तलवार देखकर जरा भी भयभीत न हुआ। वरन् अपने गुरु के दिये हुए ज्ञान को याद करने लगे कि 'यह तलवार किसको मारेगी? मार-मारकर इस पाँचभौतिक शरीर को ही तो मारेंगी और ऐसे पंचभौतिक शरीर तो कई बार मिले और कई बार मर गये। ....तो क्या यह तलवार मुझे मारेगी? नहीं, मैं तो अमर आत्मा हूँ... परमात्मा का सनातन अंश हूँ। मुझे यह कैसे मार सकती है? ॐ....ॐ....ॐ...
हकीकत राय गुरु के इस ज्ञान का चिन्तन कर रहा था। तभी क्रूर काजियों ने जल्लाद को तलवार चलाने का आदेश दिया। जल्लाद ने तलवार उठायी किंतु उस निर्दोष बालक को देखकर उसकी अंतरात्मा थरथरा उठी। उसके हाथों से तलवार गिर पड़ी और हाथ काँपने लगे।काजी बोलेः "तुझे नौकरी करनी है कि नहीं? यह तू क्या कर रहा है?" तब हकीकत राय ने अपने हाथों से तलवार उठायी और जल्लाद के हाथ में थमा दी।
फिर वह किशोर आँखें बंद करके परमात्मा का चिन्तन करने लगाः 'हे अकाल पुरुष ! जैसे साँप केंचुली का त्याग करता है, वैसे ही मैं यह नश्वर देह छोड़ रहा हूँ। मुझे तेरे चरणों की प्रीति देना, ताकि मैं तेरे चरणों में पहुँच जाऊँ.... फिर से मुझे वासना का पुतला बनकर इधर-उधर न भटकना पड़े.... अब तू मुझे अपनी ही शरण में रखना.... मैं तेरा हूँ... तू मेरा है.... हे मेरे अकाल पुरुष !
'इतने में जल्लाद ने तलवार चलायी और हकीकत राय का सिर धड़ से अलग हो गया। हकीकत राय ने 14 वर्ष की छोटी सी आयु में धर्म के लिए अपनी बलि दे दी। उसने शरीर छोड़ दिया किंतु धर्म न छोड़ा। बसंत पंचमी के दिन पर उनकी शहादत के सम्मान में. हर वर्ष 1947 भारत के विभाजन तक, एक वार्षिक मेले का आयोजिन किया जाता था और लाहौर इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के पास वीर हकीकत राय की एक समाधि भी बनाई गई थी । 
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गुरु तेगबहादुर बोलिया,सुनो सिखो ! बड़भागिया, धड़ दीजे धरम न छोड़िये....हकीकत राय ने अपने जीवन में यह वचन चरितार्थ करके दिखा दिया। हकीकत राय तो धर्म के लिए बलिवेदी पर चढ़ गया, किंतु उसके बलिदान ने समाज क हजारों-लाखों जवानों में एक जोश भर दिया कि 'धर्म की राह में प्राण देने पड़े तो देंगे; किंतु विधर्मियों के आगे कभी नहीं झुकेंगे। अपने धर्म में भले भूखे मारना पड़े तो भी स्वीकार है किंतु परधर्म को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।'
ऐसे वीरों के बलिदान के फलस्वरूप ही हमें आजादी प्राप्त हुई है और ऐसे लाखों-लाखों प्राणों की आहुति द्वारा प्राप्त की गयी इस आजादी को हम कहाँ व्यसन, फैशन और चलचित्रों से प्रभावित होकर गँवा न दें ! अब देशवासियों को सावधान रहना होगा। प्रत्येक मनुष्य को अपने धर्म के प्रति श्रद्धा और आदर होना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा हैःश्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्। स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।। 'अच्छी प्रकार आचरण में लाये हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में तो मरना भी कल्याणकारक है और दूसरे का धर्म भय को देने वाला है।'
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

बसंत पंचमी 15.2.2013, इसे राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस रूप में मनाएं।
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

"आधुनिकता की उपज - आधुनिक रावण व दामिनी"

"आधुनिकता की उपज - आधुनिक रावण व दामिनी" 
विगत दिनों घटे सामूहिक बलात्कार कांड से देश भर में जनाक्रोश के बाद भी स्थिति यथावत रहने की टीस समाज में बनी रहना, व इसे लेकर समाज के नर नारी में टकराव बनाने का प्रयास करते तत्व। यह दृश्य जिन्हें कचोटता नहीं, वे इसे महिला विरोधी हिंसा या पुरुषों का दोष बताएँगे। देश में कुकुरमुत्ते जैसे गली -2 उगते रावण व दमिनीयों के शीलहरण की इन घटनाओं का कारण, जब वैलेंटाइन की कथित प्रगति शील आधुनिक अपसंस्कृति की उपज कहा जाता है, इन्हें आपत्ति होती है। किन्तु वामपंथियों व शर्मनिर्पेक्षों या इनसे भ्रमित युवाओं की आपत्तियों से सत्य को बदला तो नहीं जा सकता ? हम कहें आग लगा कर तवे पर रोटियां डाल दें, तथा किसी को हिलाने भी न दें; तो रोटियां जलना स्वाभाविक है। इसके लिए रोटी को आग से हटाना ही होगा । निश्चित ही अब इसे रोकने का समय आ गया है।
यह कहा जा सकता है, कि रावण तो त्रेता युग में था। हाँ, उसने भी सीता माता का अपहरण तो किया, किन्तु शीलहरण नहीं। अनजाने नहीं, कुचक्र पूर्वक किये गए, इतने अपराध के लिए; पूरे वंश का नाश तथा युगों युगों तक समाज में इसके प्रति जागरूकता बनाने वाले हमारे राष्ट्रीय पर्व, हमारी राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक हैं। वैलेंटाइन डे, ये डे -वो डे केवल आर्चीज़ जैसे महंगे सन्देश पत्र (ग्रीटिंग कार्ड) बेचने के उपभोग्तावादी, व किसी न किसी बहाने हमारे चेतना के पर्व हटाने के; चेतन संस्कृति को अपसंस्कृति में बदलने के, कुचक्र को समझने की आवश्यकता है। 
फिल्मों व चेनलों में शैली (स्टाइल) के नाम पर जो सिखाया जा रहा है। उसकी राष्टीय चेतना में सकारात्मक नहीं नकारात्मक भूमिका है। किसी फ़िल्मी या नायिका की किसी अदा को बार बार दिखाया जाता है। अभी किसी रियेलिटी शो में कहा व दिखाया गया, किसी फिल्म में नायक अक्षय ने जैसे (हे ...) कहा उसे दोहराना था। अथवा कहीं सलमान खान ने एक कपडा अपनी टांगों के बिच जैसे चलाया वही दोहराना, जैसी अनावश्यक बातें अथवा हमारे सामाजिक पारिवारिक सम्बन्ध के मूल तत्व के रहित केवल लोकप्रियता पाने हेतु इन नामों से ये डे -वो डे बनाकर, चालाकी से उपभोगतावाद बढाने के अतिरिक्त,
इसमें हमारी चेतना व संस्कृति का कोई अंश नहीं है। 
अभी कमल हसन की एक फिल्म को मुस्लिम विरोध के कारण, दक्षिण में एक राज्य सरकार ने रोक लगा दी। इस प्रकार तुष्टीकरण से सदा उनका मनोबल बढाया जाता रहा है। इसके पूर्व अनेकों अवसरों पर हिन्दू भावनाओं पर आघात होते रहे। ऐसी फिल्मों व अन्य कार्यक्रमों तथा हुसैन के चित्रों व उसकी प्रदर्शनी के विरोध को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का विरोध बताया जाता रहा। किन्तु अब किसी के द्वारा मुस्लिमों से अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता या सहृदयता की अपेक्षा नहीं की गई।
हमारा लक्ष्य किसी सम्प्रदाय का विरोध नहीं अपितु ये दोहरे मापदंड व तुष्टीकरण की कुटिल नीति व इसके दुष्परिणामों से देश बचाने का है। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर ही धार्मिक /सांप्रदायिक भेदभाव का निकृष्ट राष्ट्र विरोधी कार्य करना शर्मनिर्पेक्षता है। समाज व राष्ट्र के लिए अहितकर है। स्वयंभू धर्मनिरपेक्ष जो दूसरों को साम्प्रदायिक कहते हैं, स्वयं साम्प्रदायिकता के निकृष्टतम उदाहरण हैं। 
ऐसे इन शर्मनिर्पेक्ष तत्वों से सचेत रह कर, इनके कुचक्र से समाज को बचाने व राष्ट्र चेतना जगाने की आवश्यकता है। तथा उपभोगतावाद के दिए गए, अपसंस्कृति कारक वेलेंटाइन डे, फैशन व शैली (स्टाइल) नहीं, भारतीय जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार हमारी चेतन संस्कृति से दूर ले जाने के जो अन्य नए नए कुचक्र हैं, उनके स्थान पर अपने पर्व तथा दिवस मनाएं। कल 15 फरवरी बसंत पंचमी है। क्या हमारी युवा पीड़ी को इसके बारे में जानकारी है? भारतीय जीवन शैली व राष्ट्र चेतना से जुड़े पर्व मनाएं।
भारतीय पर्व जानने समझने ऐसी महत्त्वपूर्ण, विविधतापूर्ण नवीनतम जानकारी का सटीक व उत्कृष्ट स्त्रोत - जीवन शैली दर्पण, धर्मसंस्कृति दर्पण, राष्ट्र दर्पण, समाज दर्पण, युवा दर्पण, ...। वेब से पायें हमारे 28 विविध ब्लाग, 5 चेनल, व अन्य सूत्र, नकारात्मक पत्रकारिता के सकारात्मक विकल्प का संकल्प युग दर्पण मिडिया समूह YDMS. 9911111611. yugdarpan.com
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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Monday 11 February 2013

महा कुंभ कुंप्रबंधन त्रासदी 2013.

महा कुंभ कुंप्रबंध त्रासदी 2013.

कुंभ में पवित्र स्नान के बाद स्टेशन पर कुंप्रबंध त्रासदी में 10 से 20, तीर्थयात्री मारे गए 

आज रात यहाँ महा कुंभ के 12 वर्षीय चक्र में सबसे शुभ दिन एक 'मौनी अमावस्या', के तीन करोड़ से अधिक लोगों को पवित्र स्नान के बाद, हजारों तीर्थयात्रियों के लौटने के साथ; इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कम से कम 36 लोग मारे गए और कई दुर्घटना में घायल हो गए थे
मंडल रेल प्रबंधक हरिंदर राव के अनुसार, जब प्लेटफार्म 5 और 6 की भीड़ को व्यवस्थित करने हेतु पंक्तिबद्द करने 7 बजे में भगदड़ हुई। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि लाठीचार्ज  शुरू हो गया था, जो त्रासदी के घटक थे। जिसमे 10 लोग मारे गए और कई दुर्घटना में घायल हो गए थे बाद में संख्या 36 तक पहुच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया था किन्तु राव ने कहा कि जब यात्रियों को एक लाइन में खड़ा किया जा रहा था कि भीड़ को नियंत्रण में लाने के बीच घटना हो गई फुट ओवर ब्रिज के लिए अग्रणी रेलिंग ध्वस्त हुआ   
उन्होंने कहा यह भी कि यात्रियों अटर एक ट्रेन के आगमन के बारे में सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली पर एक सूचना के पश्चात् एक अचानक उछाल था। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह त्रासदी में जीवन के नुकसान पर शोक जताया और रेलवे मंत्रालय को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है । सिंह ने केंद्रीय सरकार के विभागों का भी राहत कार्यों में उत्तर प्रदेश सरकार को हर संभव सहायता का विस्तार.करने के लिए निर्देशन दिए है 
भारत जब तक इतिहास को, जीता था भारत था | 'इंडिया' बन, इतिहास भूलने व बिगाड़ने की; पतन की राह चलने लगा | आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

Tuesday 22 January 2013

कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र

कैसी स्वतंत्रता कैसा गणतन्त्र 


देश की कोई दुर्दशा पर भी, जब सत्ता की नींद न खोले;
सब जनता इनसे त्रस्त होके, जब अपने मुख से बोले
आतंकियों को बिरयानी व निहत्थों पर लाठी चलवायें;
इस तन्त्र को गणतंत्र मान, कहो भला अब कैसे मनाएं?
सत्ता इसके तन्त्र व बिकाऊ मीडिया को देना है धिक्कार;
सबसे पहले, स्वतंत्रता व गणतंत्रता दिवस का बहिष्कार
अधिनायकवादी सत्ता का विरोध, अपना है सदा अधिकार; 
क्या आपभी मेरी बातसे सहमत हैं और है यह स्वीकार-तिलक 
सत्य का तथ्य 
पहले जयचंद सा गद्दार, कभी कोई होता था !
ज हर ओर उन जैसों का आभास होता है
एक छिद्र मात्र से, नौका को डूबा देते हैं;
छननी की नौका, बनाने की सोच लेते हैं !
तुरंत डुबाने के इसी कुचक्र से उपजी कांग्रेस;
का जनक था, ए ओ ह्यूम नामक एक अंग्रेज । -तिलक 
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शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है संघ ?

शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है, रा. स्व. संघ ? सत्यदर्पण:-
भारत सरकार की आतंकी सूची में संघ का नाम नहीं है तब शर्म निर्पेक्ष नेता किसी राजनैतिक आतंक सूची में संघ का नाम डाल रहे हैं। व सूची का आधार क्या है ? 
जब नपुंसक नेता, देश की रक्षा में असमर्थ रहे शत्रुओं से सांठ गांठ करें तब देश व समाज का सहारा रा. स्व. संघ ही है। संघ व देश के सैनिक का शस्त्र व प्रशिक्षण, देश की रक्षा के लिए ही होता है। सैनिक के हाथ तुम बांध लेते हो; संघ तुम्हारे आधीन नहीं है। जो तुम्हारी मनमानी स्वीकार न करे, वह खटकना स्वाभाविक ही है। 
Photo: "कांग्रेस के शांतिप्रचारक जेहादी दामादो की सूची"
लेकिन इस लिस्ट मे संघ का नाम नहीं है !!!!!!

http://www.mha.nic.in/uniquepage.asp?Id_Pk=292
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
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Sunday 20 January 2013

राष्ट्र की दुर्दशा, कारण, निवारण :

राष्ट्र की दुर्दशा, कारण, निवारण : 
आज राष्ट्र की वर्तमान दुर्दशा का मुख्य कारण है, न केवल मेकालेवादी प्रदूषित तत्वों से धर्म, संस्कृति व जीवनशैली बचाने में असफलता। साथ ही दुष्ट मीडिया से ऐसे तत्वों का समर्थन व धर्म- संस्कृति के रक्षकों की अवमानना को रोकने में भी असफलता। तथा स्वयं भागीदार बनना। विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है। विविध विषय के 28 ब्लॉग 5 चेनल व अन्य सूत्र, इस अभियान का अंग हैं, अपनी रूचि का विषय चुन कर सहभागी बने।- तिलक Yugdarpan.com
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।
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Saturday 12 January 2013

दुष्ट मीडिया, हम, वर्तमान दुर्दशा व मुख्य कारण

दुष्ट मीडिया, हम, वर्तमान दुर्दशा व मुख्य कारण
डा. भागवत के वक्तव्यों को ठीक तरह से पेश करें मीडिया : मनमोहन वैद्य
The main cause of the current plight of the nation, not only Failure to save Religion, Culture and Lifestyle from being polluted by Mekalewadi elements. Failure to stop derogation of defenders of the religion -culture, and support of the Elements by wicked media. And to participate themselves. This is apparent in the evidence case. 
आज राष्ट्र की वर्तमान दुर्दशा का मुख्य कारण है, न केवल मेकालेवादी प्रदूषित तत्वों से धर्म, संस्कृति व जीवनशैली बचाने में असफलता। साथ ही दुष्ट मीडिया से ऐसे तत्वों का समर्थन व धर्म- संस्कृति के रक्षकों की अवमानना को रोकने में भी असफलता। तथा स्वयं भागीदार बनना। यह इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
BY the prompt action of Sangh Adhikaris and Prachar Vibhag and VSKs, many media houses did a mid-course correction. TIMES NOW published the actual video of the relevant part.
Sagarika Ghosh twitted and accepted the correction. Please see the attached image.
संघ अधिकारियों और प्रचार विभाग और विसंके VSKs की त्वरित कार्रवाई के कारण, कई मीडिया घरानों ने एक मध्यावधि सुधार किया है| TIMES NOW के अनुसार, प्रासंगिक भाग के वास्तविक वीडियो प्रकाशित|
और सागरिका घोष ने ट्वीट करके कहा, "सुधार स्वीकार किए जाते हैं|" कृपया संलग्न छवि देखें |

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विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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स्वामी विवेकानंद जी की 150वीं वर्षगांठ, लोहरी व

आप सभी को सपरिवार, स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस की 150वीं वर्षगांठ, लोहरी  मकर संक्रांती  पर युगदर्पण मीडिया समूह परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ | हम  संकल्प लें, इनके दिखलाये मार्ग को जीवन की राह बनायें। - तिलक yugdarpan.com Photo: Swami Vivekananda 150th Birth Anniversary...
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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Saturday 5 January 2013

स्वामी विवेकानन्द महान।

स्वामी विवेकानन्द महान।
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पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
ये मेरा प्यारा देश महान, जन्मे स्वामी विवेकानन्द महान।
*देवी देवता, ऋषि मुनि, व महापुरुषों की कर्मस्थली यह।
ज्ञान विज्ञान, विश्व बंधुत्व, प्रेम शौर्य, मानवीय धर्मक्षेत्र है।
मानव ही नहीं जीव जंतु, व पर्यावरण समन्वय का दे ज्ञान।
इसीलिए था विश्वगुरु, तब इस पर क्यों न करें अभिमान ? 
*ग्रहण लगा था विश्वगुरु को, और मानवता जब थी बन्दी। 
आतताइयों के कृत्यों से जब यह धरा हुई सारी थी गन्दी।
1863 में भारत में जन्मे, राज था अंधकार का व फैला अज्ञान
जब ज्ञान खोजता विश्व था, शिकागो में तब कराई पहचान।
*जब राजा ही करे व्याभिचार, तो जनता हो जाती लाचार।
पहला बन्दर सोता रहता है, देश का दर्द न दूजा सुनता है।
मौनी बाबा सत्य  कहता, आश्वासन के पाखंड दिखाता है। 
तभी हैं ऐसे दुरदिन ये आये, कि सारा देश हुआ परेशान। 
*आओ फिरसे बनाये देश महान, जिसका यश गाये सारा जहान।
हम सोने की चिड़िया ऐसी बनायें, जहाँ कोई न हो परेशान। 
आने वाला कल चमकाने में, हम आज कर जायेंगे बलिदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"  युगदर्पण
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