पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
Tuesday, 30 November 2010
राजग की भ्रष्टाचार के विरुद्ध दिल्ली में एक रैली करने की योजना है: सुषमा स्वराज
The NDA plans to hold a rally against corruption in Delhi : Sushma Swaraj Keywords: Opposition rally, 2G spectrum row, Parliament impasse, left parties
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राजग की भ्रष्टाचार के विरुद्ध दिल्ली में एक रैली करने की योजना है: सुषमा स्वराज
2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग पर विपक्षी दलों के बीच एकता से उत्साहित मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राजग की भ्रष्टाचार के विरुद्ध राजधानी में एक बड़ी रैली करने में वाम दलों और अन्य गैर संप्रग दलों के भी उस में भाग लेने हेतु, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, "राजग के संयोजक और जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव को वामपंथी सहित अन्य राजनीतिक दलों से बात करने के लिए अधिकृत किया गया हैं.
भाजपा नेतृत्व वाली राजग और वाम दलों, राजद, सपा, बीजद, के अलावा तेदेपा और अन्नाद्रमुक भी एक जेपीसी जांच चाहते हैं, श्री यादव के इन दलों के नेताओं से बात करने पर रैली में शामिल होने की संभावना है.
भाजपा के लोकसभा में मुख्य सचेतक रमेश बैस के अनुसार, "तिथि और राजधानी में रैली स्थल के हेतु सभी संबंधित पक्षों के साथ परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन यह13 दिसंबर जब चालू संसद सत्र खत्म हो जाता है के बाद आयोजित किया जाएगा," .
भ्रष्टाचार के विरुद्ध दिल्ली में एक रैली आयोजित करने के बाद, राजग की भारत के अन्य बड़े शहरों में भी इसी तरह की रैलियां आयोजित की योजना है.
मंगलवार को राजग की बैठक को, 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर जेपीसी की मांग पर एक संयुक्त रणनीति तैयार करने हेतु आयोजित किया गया.भाजपा के सहयोगी दल जद (यू), शिरोमणि अकाली दल और शिव सेना भी बैठक में उपस्थित थे.
कीवर्ड: विपक्षी रैली, 2 जी स्पेक्ट्रम क्रम, संसद गतिरोध, वाम पार्टियाँ
The NDA plans to hold a rally against corruption in Delhi : Sushma Swaraj
Buoyed by the unity among Opposition parties on the demand for a JPC probe into 2G spectrum scam, BJP-led NDA on Tuesday decided to hold a big rally in the capital against corruption and will try to rope in Left and other non-UPA parties to participate in it. Leader of the Opposition in the Lok Sabha Sushma Swaraj said, NDA convenor and JD (U) chief Sharad Yadav has been authorised to talk to other political parties, including the Left, to join the rally.
Other than the BJP-led NDA and the Left parties, the RJD, the SP, the BJD, the TDP and the AIADMK too favour a JPC probe. Mr. Yadav is likely to talk to leaders of these parties to join the rally.
“The date and venue of the rally in the capital will be finalised in consultation with all parties concerned but it will be held after December 13 when the on-going Parliament session gets over,” according to BJP chief whip in the Lok Sabha Ramesh Bais.
After holding a rally against corruption in Delhi, the NDA plans to hold similar rallies in other big cities of India.
The NDA meeting on Tuesday was held to formulate a joint strategy on the JPC demand on 2G spectrum allocation scam.
BJP allies the JD (U), the Shiromani Akali Dal and the Shiv Sena were present in the meeting.
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Sunday, 7 November 2010
अमरीका के राष्ट्रपति की यात्रा
अमरीका के राष्ट्रपति की यात्रा
आजकल अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत की यात्रा पर हैं या कहें कि शुद्ध व्यापर यात्रा पर हैं.
अमरीका विकसित देशों कि श्रेणी आता है, लेकिन उसे आज भारत की जरुरत है ताकि उनके देश के लोगों को रोज़गार मिले उन्हें भी खाली हाथों के लिए काम की दरकार है. एक विकसित देश होने के वावजूद वो लोग इस बात को समझ रहे हैं और अपने नागरिकों की चिंता में उस देश का राष्ट्रपति व्यापार के रूप में युद्ध और बारूद बेचने आया है . हम युद्धपोत खरीदें, हम बमगोले खरीदें, हम उनकी बेकार तकनीक खरीदें और उनके कचरे को खरीदकर अपने देश का बंटाधार करें, लुटिया दूबों दें .
अमरीका चाहता है कि हम ईरान के मुद्दे पर उसका साथ दें, लेकिन पाकिस्तान का मुद्दा अपने आप सुलझाये . वह चीन से सीधे निपट नहीं सकते इसलिए वे चाहते हैं हम चीन से लड़ें, पाकिस्तान से लड़ें ताकि वे अपने हथियार बेच सकें. शांति उनका नारा हो सकता है उनकी मंशा नहीं हो सकती.
ऐसी सरकार से क्या अपेक्षा रखें जो अपने हित भी नहीं साध सकती. ओबामा भारत में रहते हुए भी पाकिस्तान की तरफदारी करता है, पाकिस्तान को स्थिर करने के लिए हथियारों की वकालत करता है. वह मध्यस्थ बनना चाहता है , लेकिन ये कहकर साधू का रूप धारण किये है कि हम फैसला नहीं थोपेंगे दोनों देशों पर. पाकिस्तान का साथ उसके लिए मजबूरी है क्योंकि अफगानिस्तान में उसके अपने हित है.
इस देश को और जनता को सोचना चाहिए की देश और जनहित में क्या है? देश अपनी समस्याओं से जूझ रहा है, समस्या हमारी है और समाधान भी हमें ही ढूंढ़ना होगा. उन्हें हमारे मरते लोग नज़र नहीं आते. उन्हें अपने ऊपर हुए हमले याद हैं हमारे २५ हज़ार लोग जो भोपालगैस कांड में मरे उनके दोषियों को बचाने में उन्हें शर्म नहीं आती , उनकी मानवता एक मुखौटा है, हमने इसके पीछे की क्रूरता का दंश बहुत बार झेला है. हमें अपने गुटनिरपेक्ष आन्दोलन को मजबूत करना चाहिए ना कि उनके पिछलग्गुओं के संगठन को. हमने परमाणु विस्फोट किये, प्रतिबन्ध लगे हमारी उन्नति उन्हें नहीं भाती है. हम उन दुर्दिनो से भी अपने प्रयासों से उभरे हैं और आगे बढे हैं.
अपने विभिन्न भाषणों में ओबामा भारत के गुण गा रहा है. अमरीका कि तरक्की में भारतीयों कि सेवा याद आ रही है, लेकिन outsourcing के मुद्दे पर वह भारतीयों कि नौकरियों पर तलवार क्यूँ चलाते हैं ? तब क्या भारत के हित याद नहीं रहते? ये सब शब्द जाल है इस से ज्यादा और कुछ नहीं. आज उन्हें पढ़े लिखे भारतीय मजदूर कम दामों पर दरकार हैं, लेकिन वे अपने लोगों कि सेवा बेचेंगे महंगे दामों में . क्यूँ खरीदें हम ? क्या हमारे बच्चे बेरोजगार नहीं हैं ? क्या हमें भर पेट खाने का हक नहीं है ? वे कहते उनके यहाँ सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिलती है, लेकिन कभी देखें आधे से ज्यादा विदेशी अध्यापक उनके लोगों को पढाते हैं, जिनमें ज्यादातर एशिया महाद्वीप से सम्बन्ध रखते हैं ?
आज भारत कि कम लागत कि उन्नत कृषि तकनीक उनकी आँखों में खटकती है, वे हमें पहले ही उन्नत बीजों के नाम पर और रासायनिक खाद के रूप में, हमारी कृषि को लीलने वाला भस्मासुरी तोहफा दे चुके हैं, हमारी जमीनों को बंजर बनाकर . वे हमारे शून्य से प्रभावित हैं, उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी याद आते हैं अपने राष्ट्रपति बनने के पीछे , वे उन्हें आदर्श मानते हैं, लेकिन कौन सा काम किया अहिंसा का ?
उन्हें सिर्फ अपना मकसद साधना है, उन्हें भारत से कुछ लेना देना नहीं है. वास्तव में आज अमरीका हमें भीख देने कि दशा में नहीं है बल्कि भीख मांग रहा है. इस देश के बलि राजा ( प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ) से ये अपेक्षा है कि दान समझ कर देना . सावधान रहना भिखारी चालाक है (इन्द्र ) जैसा . वह प्यार से मनुहार से बस लूटना चाहता है. दोस्तों देश पाताल में ना चला जाये इस लिए दोस्तों जागते रहो. चिंतन।
अब आवाज़ का हथियार उठाना होगा हम कोई घास नहीं ये बताना होगा
तुम्हें कह दिया अपना मुहाफ़िज़ हमने क्यूँ गैर के सामने सिर झुकाना होगा
बहुत पी लिया लहू हमारा अपनों नेपेश गैरों को लबरेज़लहू पैमाना होगा
डाके को भी तिजारत का नाम देते हैंमुल्क के हर शख्स को जगाना होगा
बने फिरते हैं दुनिया के खैरख्वाह वो कितने पानी में उनको दिखाना होगा
उनके कहने पे चलेंगे तो बर्बादी है पांव हर एक फूंककर बढ़ाना होगा
केदारनाथ "कादर"
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