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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

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Friday 27 June 2014

भाजपा नवसांसद प्रशिक्षण शिविर' सूरजकुंड,

भाजपा नवसांसद प्रशिक्षण शिविर' सूरजकुंड

मोदी बताएंगे विकत स्थिति में कार्य कैसे करें

सूरजकुंड में भाजपा के प्रशिक्षण शिविर के दौरान नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू।

सूरजकुंड में नए भाजपा सांसदों की 'पाठशाला', मोदी बताएंगे कैसे करें मुश्किल हालात में काम
फरीदाबाद. सूरजकुंड में भाजपा के नए सांसदों का 'प्रशिक्षण शिविर' आरम्भ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पार्टी के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ किया, जिसमें 195 सांसद नए सांसद शामिल हो रहे हैं। मोदी के अतिरिक्त भाजपा के वरिष्ठ नेता शिविर में नए सांसदों को संसदीय कार्यों की जानकारी देने, अपने अनुभव भी साझा करेंगे।
शिविर की विशेष बातें
- भाजपा के प्राय: 195 सांसद इस शिविर में शामिल हों रहे है। इनमें लोकसभा से 170 और राज्यसभा से 25 सांसद होंगे।
- शिविर में 40 अजा /अजजा सांसद शामिल होंगे। महिला सांसदों की संख्या 30 होगी।
- प्र मं और भाजपा के वरिष्ठ नेता नए सांसदों को संसदीय कार्यवाही के बारे में जानकारी देने, अपने अनुभव भी साझा करेंगे।
- नए सांसदों को प्रशासनिक कार्यों, सांसद निधि के उपयोग आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
- सांसदों को बताया जाएगा कि विकत परिस्थितियों में कैसे काम करना है और पार्टी को लेकर उन्हें किस प्रकार से जनता और मीडिया के बीच बात रखनी है।
- नए सांसदों को बताया जाएगा कि संसद में कैसे उत्तम प्रश्न उठाएं और शून्‍यकाल के मध्य दोनों सदनों में जनता से जुड़े कौन से महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर बात की जाए।
- सांसदों को बताया जाएगा कि वे संसद में अपनी अधिक से अधिक उपस्थिति अंकित कराएं और अपने संसदीय क्षेत्रों में लोगों की समस्‍याओं को किस प्रकार हल करें।
- शिविर में आने वाले सांसदों से एक-एक हजार रुपए शुल्क लिए गए हैं।
- खाना केवल शाकाहारी मिलेगा।
सुरक्षा की व्यवस्था 
इस शिविर के लिए सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा तीन स्तरीय होगी जिसमें एसपीजी के विशेष प्रकोष्ठ की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्‍ठ शुक्रवार को सूरजकुंड पहुंचे और शिविर की सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन किया। सुरक्षा स्थल पर पुलिस आयुक्त अरशिंदर सिंह चावला के नेतृत्व में अन्य पुलिस अधिकारी भी विगत कई दिनों से उपस्थित थे। सुरक्षा में 900 से अधिक जवानों की तैनाती की सुचना जाएगी।
शूटिंग रेंज का रूट रहेगा बंद
पता चला है कि कांत एंक्लेव से लेकर सूरजकुंड तक जिस मार्ग से मोदी को लाया जाएगा, उस मार्ग को प्राय: दो घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस राह को लक्ष्य अभ्यास स्थल होने से परिवर्तित कर दिया जाएगा। मोदी के चले जाने के बाद इसे पुन: खोल दिया जाएगा।
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

Wednesday 25 June 2014

'वो आपातकाल'

'वो आपातकाल' सत्ता की अनंत भूख की उपज 
सत्ता की अनंत भूख, उसे बनाये रखने में तानाशाही और बाधाओं को कुचलने में उपजा आपातकाल यह काला अध्याय, भले एक घटना रही हो; किन्तु इस प्रक्रिया का क्रम यही है। जब सत्ता प्राप्ति का लक्ष्य, समाज के हित को भूल कर, साधनों का एकीकृत संग्रह करने हेतु स्वार्थ के वशीभूत होकर, लोभ तुष्टि बन जाये तो परिणाम यही होता है। लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को महत्वहीन तथा लोभ को लोक से बड़ा मान, संयम को नकार असंयमित व्यवहार की परिणती वह त्रासदी है, जिसे हमने 39 वर्ष पूर्व आपातकाल के रूप में देखा व भुगता। 
जब चुनाव अभियान में सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करने के लिए इलाहाबाद कोर्ट ने उन्हें 6 वर्ष के लिए संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। पद छोड़ने के बजाए उन्होंने संविधान को स्थगित कर दिया। अपनी चमड़ी बचाने के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25-26 जून 1975, की रात में स्वतंत्रता का हनन कर, स्वार्थ की काली स्याही से अंधकार का आपात अध्याय लिख दिया।
प्राय: एक लाख लोगों को बिना सुनवाई के बंदी बना लिया गया और जिन्होंने उनकी भ्रष्ट सरकार के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जयप्रकाश नारायण, सहित सभी विपक्षी नेताओं को बंदगृह में डाल दिया गया। सबसे बुरा यह हुआ कि उन्होंने वैधानिक संस्थाओं को नष्ट किया, जो अभी तक नहीं सुधर पाई हैं। आपातकाल की मेरी कई रचनाएँ, जिनका स्मरण कर पा रहा हूँ, 'काव्यांजलिका' में प्रस्तुत हैं। http://www.kaavyaanjalikaa.blogspot.com/ 
हमें समझना होगा कि संविधान की सीमा उल्लंघन और पारदर्शीता का त्याग अनियंत्रित सरकार को तानाशाह बना सकता है। एक सशक्त सरकार का अर्थ होता है एक कर्मशील सरकार, न कि एक व्यक्ति का शासन, जो उस संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करता है, जिसका हमने राष्ट्रपति प्रणाली के समक्ष चयन किया है। यहाँ जनता स्वामी है और इसकी आवाज को दबाने के लिए कुछ भी करना, हमारे लोकतांत्रिक, अनेकतावादी और समता के आदर्शों वाले गणतंत्र के मूल तत्व के विपरीत है।
इन सिंद्धातों को खंडित करने वालों को, 1977 में हुए चुनाव ने पराजय से दण्डित किया। यहां तक कि इंदिरा गांधी जैसा प्रभावी व्यक्ति भी चुनाव में पराजित हो गया। यह सब जानना महत्वपूर्ण है जिससे इसकी पुनरावृति नहीं हो। 
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Tuesday 3 June 2014

शोक समाचार

शोक समाचार 
एक कार दुर्घटना में संभवत: हृदयाघात के कारण केन्द्रीय ग्रा विकास व पंचायती राज मंत्री श्री गोपीनाथ पांडुरंग मुंडे (64 वर्ष) का निधन उनके परिवार ही नहीं, अपितु पूरे राष्ट्र के लिए दुखद  सन्देश लाया है। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान व उनके शोक संतप्त परिवार को यह दुःख व अपूर्णीय क्षति सहन करने की क्षमता प्रदान करें। 

clip

मंत्री गोपीनाथ मुंडे का आज प्रात: दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया।  मुंडे का पार्थिव शरीर मुंबई ले जाया गया है। यहां से उनका पार्थिव शरीर उनके वर्ली स्थित पैतृक घर पर लाया गया। उनके घर पर राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, हेमा मालिनी, छगन भुजवल सहित कई लोग उपस्थित थे। मुंडे का अंतिम संस्कार कल महाराष्ट्र में उनके पैतृक गांव वर्ली में किया जाएगा। 
एक सप्ताह पूर्व ही शपथ ग्रहण कर कार्य भार सँभालने वाले भाजपा के मराठी नेता से ग्रामीणों सहित देश को बहुत आशाएं थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंडे के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा है कि वह अपने मित्र मुंडे के निधन से अत्यंत दुखी और स्तब्ध हैं। वे ही नहीं पूरा देश स्तब्ध है।
ग्रामीण विकास मंत्री की गाडी के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले एम्स पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने बताया कि मुंडे को पुनर्जीवित करने का डॉक्टरों ने हरसंभव प्रयास किया। मुंडे के सम्मान में दिल्ली, राज्य की राजधानियों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण