युगदर्पण मित्र मंडल Chat Room

आ.सूचना,

: : : सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार Delhi होगा। हमारे ब्लाग पर प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संपादक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक/संपादक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। अनैतिक,अश्लील, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी, धर्म/सम्प्रदाय विरोधी, मिथ्या, तथा असंवैधानिक कोई भी सामग्री यदि प्रकाशित हो जाती है। यदि कोई भी पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं व तत्काल संचालक/संपादक मंडल को सूचित करें तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी एवम लेखक सदस्यता भी समाप्त करदी जाएगी।: : युग दर्पण पर आपका हार्दिक स्वागत है.इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं,रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanh@gmail.com पर भेजें ,ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Wednesday 10 March 2010

विहिप के सेवा प्रकल्प, गौसेवा

 हमारा मत्त है कि कई बार देश की सेवा में लगे संगठन अपनी अपनी सोच, क्षमता व पद्धति से करते है! मत भिन्नता के कारण उसे सांप्रदायिक कह कर तिरस्कृत कर उसके मार्ग में बाधा डालने से राष्ट्र को क्षति ही पहुंचेगी! ऐसे कार्य करने वालों की अपनी राष्ट्रनिष्ठा संदिग्ध हो जाति है! विशेषकर, जब धर्म निरपेक्षता का दंभ भरने वाले स्वयं सांप्रदायिक राजनीति करते हों! जब इस्लाम खतरे में कहा जाये तो सांप्रदायिक नहीं होता, तो हिंदुत्व की रक्षा करना बुरा क्यों बन जाता है? इस परिपेक्ष्य में ऐसा कोई कारण नहीं दीखता कि विहिप के श्रेष्ठ कार्यों को भी हम पूर्वाग्रह से मुक्त हो कर न देखें? --संपादक युगदर्पण

izSl foKfIr
gtkjksa lsok izdYiksa ds lkFk gqvk fofgi dk dk;Z foLrkj % pEir jk;
 viuh LFkkiuk ds46 o’kZesfo”o fgUnwifj’kn uslektksRFkku dsfy, vufxur dk;Zfd;sgSA vkB gtkj lsvf/kd lsok izdYiksausns”k dsvHkkoxzLr {ks=ksaesØkafrdkjh ifjorZu fd;sgSA vVd lsdVd rd vkSj xqtjkr  lsvklke rd QSysfofo/k izdkj dsdk;ksaZdsfy, fofgi dksl   ekt dk Hkjiwj leFkZu vkSj lg;ksx fey jgk gSrFkk vkxkeh o’kkasZesage vkSj u;slsok izdYi [kksydj ns”k dspgqeq[kh fodkl easviuh Hkwfedk lqfuf”pr djsxsA
       mijksDr ckrsfo”o fgUnwifj’kn dsvarjkZ’Vªh; la;qDr egkea=h Jh pEir jk; }kjk nf{k.kh fnYyh dsyktir uxj iz[k.M dsrRok/kku easvk;ksftr fd;sx;s/keZj{kk fuf/k viZ.k dk;ZØe dks lEcksf/kr djrsgq, dghaAmUgksausdgk fd xzkeh.k LokLF;] izkFkfed fpfdRlk] dEI;wVj f”k{kk] xzke fodkl] Ik;kZoj.k laj{k.k] ty lao/kZu] xÅlsok] vukFk fodykax o fujkfJr lsok] Nk=koklksdslkFk fofo/k vk;keksaeasxr o’kksZaesafd;k x;k fofgi dk izos”k lekt dh fn”kk vkSj n”kk nksuksadks cnyusesavxz.kh Hkwfedk fuHkk jgk gSA dk;ZØe dh i`f’B Hkwfe ij izdk”k Mkyrs gq, fofgi fnYyh izkar v/;{k Jh Lons”k iky usdgk fd vkt dsbl dk;ZØe ds ek/;e lsgeus ns”k easpy jgsfofo/k izdkj dsLokLF; j{k.k dsrjhdksalsvusd yksxksadk fu%”kqYd LokLF; ijh{k.k o fo'ks’kK MkDVjksdh lykg miYkC/k djk;h gSrFkk ns”kh uLy dh xk;kslsizkIr nw/k o ?kh ds lkFk iapxO; mRiknksadh fo”kky izn”kZuh tksvkt yxk;h x;h gSog u flQZekuo LokLF; dsfy, ykHknk;d gScfYd Hkwfe dh moZjk “kfDr o Ik;kZoj.k laj{k.k dsfy, ehy dk iRFkj lkfcr gksxhA mUgksusdgk fd fo”o eaxy xkSxzke ;k=k rksiwjh gksx;h fdUrqxkSnw/k]?kh o iapxO; dh miyC/krk iwjh fnYyh esgksbldsfy, geusdk;ZizkjEHk dj fn;k gSA“kh?kzgh vc fnYyhoklh Lo.kZ;qDRk nqX/k dk lsou ?kj cSBs dj ldsaxsA
      fjaxjksM fLFkr ljLorh cky eafnj fo|ky; esvk;ksftr dk;ZØe es,D;wizs”kj] U;wjksFksjsih] iapdekZ];ksxkFksjsih rFkk vk;qosZn } kjk LokLF; tkap o fo'ks’kK MkDVjksdh lykg nh x;hA ogkaLFkkfir xkS&cNMsdh lqUnj ewfrZdsn”kZu dj lHkh ea= eqX/k FksA dk;ZØe easdqN cky dykdkjksausjaxksyh cuk dj Hkh yksxksadksvkdf’kZr fd;kA [kpk [kp Hkjsfo|ky; dslHkkxkj dseap ij izfl) dSalj 'kY; fpfdRld o fo/kk;d Mk-,l-lh-,y xqIrk eq[; vfrfFk]ioZleUo;lfefr fnYyh dsv/; {k Jh yD [khjke “kekZfo”ks’k vfrfFk] yk;Ul Dyc dsftyk xouZj Jh lquhy of”k’B] lsok fuo`r vkbZih,l Jh lh ,l ikpkZo bUnzizLFk fofgi dsegkea=h Jh lR;sUnzeksgu mifLFkr FksA
dk;ZØe easfofgi dsizkar mik/;{k Jh ve`r yky “kekZ]ljnkj mtkxj flag o Jherh rkjk HkkxZo] laxBu ea=h Jh d:.kk izdk”k] ea=h jked`’.k JhokLro] ehfM;k izeq[k fouksn clay] lRlax izeq[k Mk- jk/kkdkUr oRl] leUo; izeq[k HkwisUnz xqIrk] xkSj{kk izeq[k rkjkpUnz xqIrk] ekr`”kfDr la;ksftdk Jherh larks’k xkSM+ o lfork esgrk] nqxkZokfguh la;ksftdk dq- vatyh o ctjax ny izkar lg la;kstd “kSysUnz tk;loky] fofgi foHkkx ea=h uUn fd”kksj] foHkkx v/;{k txnh”k pUnz]ftyk v/;{k JhdkUr “kekZ]dslkFk vusd {ks=h; tu izfrfuf/k] lektlsoh o f”k{kk txr lstqMsgq, yksx mifLFkr FksA l/kU;okn~                 
                                                                                              Hkonh;
                                                   ¼fouksncaly½      ehfM;kizeq[k       9810949109

3 comments:

  1. font theek nahin hone ke karan kyalikha hai samajh mein nahin aa raha hai.aur ye bhi bataye ki jiska koi blog profile nahin hai vo apne cmments kaise dale.

    ReplyDelete
  2. abhi blog bana raha hun,mail ki kapy laga di font alag honese bigad gaya. jisko profil bina koment karna ho agyat(anonimouce) ke bad post klik kare. baki url dalke kare, ya fon par bat kar hamare blog se judein.

    ReplyDelete
  3. हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!

    लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.

    अनेक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete

कृप्या प्रतिक्रिया दें, आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्व पूर्ण है | इस से संशोधन और उत्साह पाकर हम आपको श्रेष्ठतम सामग्री दे सकेंगे | धन्यवाद -तिलक संपादक