अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने अवैध बांग्लादेशी आप्रवासियों के निर्वासन की मांग की और हिंदुत्व के पक्ष में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके पक्ष में जीवन का एक रास्ता के रूप में फैसले को बरकरार रखा था और उनका कहना है कि यह हिंदू ही है जो 'वसुधैव कुटुम्बकम' में विश्वास कर (विश्व एक परिवार है) सबको गले लगाता रहा है।
2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण (राज नाथ सिंह day 1) - राष्ट्रीय परिषद की बैठक, सुरक्षा व अन्य
(जनता से सीधे जुड़े अन्य मुद्दों पर सीधे वीडियो देखें,: राज नाथ सिंह अध्यक्षीय भाषण 2 मार्च 2013- https://www.youtube.com/watch?v=LYgKW66f7_8&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=48)
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समस्याओं का पिटारा व अन्य वर्ग: औद्योगिक क्षेत्र ठप्प, बेरोजगार व असंतोष में अपराधों, आतंक व नक्सलवाद से जुड़ता दिशाहीन युवा। अटलजी के नेतृत्व में राजग शासन से मिले भरे भण्डार व देश के प्राकृतिक संसाधनों को खाली करने में लगे घोटालों की सरकार व भ्रष्ट शासन ने, विश्व महाशक्ति की दिशा में बदते कदम को आर्थिक कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार की बेड़ियों से जकड़ दिया। आज भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक विकास की दर राजग शासन के समय के 8/9 % से आधा से नीचे 4/5 % है, जबकि मुद्रा स्फीति दर 4/5 % से बढकर 8/9 % हो गई है। अमीर और गरीब के बीच की खाई बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिसे खाड़ी, न्यूयॉर्क में बैठे लोगों द्वारा देखा जा सकता है, किन्तु नई दिल्ली में यह लोग देखने में असमर्थ हैं। गरीबों की आंखों के माध्यम से गरीबी के दर्द को देखने की तुलना में संवेदनशुन्य भारत सरकार 32 रुपये और 26 रुपये के आधार पर गरीबी रेखा के आँकड़े छुपाने में लगी हुई है।
आर्थिक दुर्दशा: किसान और दलित:
आँकड़े की ही बात करें तो इस देश के 58 % किसान गरीबी रेखा के आसपास रह रहे हैं। वित्त मंत्रालय की उच्च शक्ति समिति ने यह कहा था कि 98 % उद्योग असंगठित क्षेत्र में है किन्तु इस विशाल क्षेत्र में बैंक ऋण का 1.4 % ही जाता है। अर्थव्यवस्था के पीछे की सोच ऐसी है कि विकास का उजाला न केवल बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए, अपितु गांवों, सड़कों पर रिक्शा चालकों, ढाबे में मजदूरों, किसानों को भी पहुंचता है होना चाहिए। कृषि पर निर्भर 70 % आबादी के देश में किसान एक बहुत दयनीय हालत में है। यूरोपीय संघ और अमेरिका अपने किसानों को भारी सब्सिडी दे रहे है। जबकि भारत, जो कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है एक ऐसी आर्थिक नीति का अनुसरण कर रहा है जो कृषि क्षेत्र के लोगों को अन्य अनुत्पादक व्यवसायों में विस्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
यदि हम भारत को 21 वीं सदी में विश्व के अग्रणी देखना चाहते हैं, भारत में विश्व के अनाज उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। भारत को केवल विनिर्माण, वित्तीय या बौद्धिक राजधानी नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि भारत में परंपरागत रूप से भौगोलिक, प्राकृतिक और मानव संसाधन है।
भारत विश्व में सबसे बड़ा, सबसे उपजाऊ और सबसे घनी आबादी वाला भूभाग है. इसलिए हमारी आर्थिक नीति को इस प्राकृतिक क्षमता के सन्दर्भ में रखकर बनाया जाना चाहिए।
भाजपा सुशासन: हमारी राज्य सरकारों ने कृषि क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। यह बात हमारे काम में परिलक्षित हो रही है। जबकि गुजरात में हर किसान के पास एक मिट्टी की गुणवत्ता दिखाता कार्ड है। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भूजल का स्तर बड़ा है और सभी किसानों को मिट्टी कार्ड मिल गया है। मध्य प्रदेश में कृषि विकास दर 18.96 % के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक राज्य में 0% ब्याज पर किसानों के लिए ऋण संवितरण के अलावा अन्य और काम भी किये जाते हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में हमारी सरकारों द्वारा किये कार्यों का विवरण हमारे मुख्यमंत्रियों द्वारा दिया जाएगा।
यदि हम सत्ता में आते हैं तो
- हम न केवल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, अपितु उनकी आय का बीमा हो, 'कृषि आय बीमा योजना' को लागू करेंगे ।
- हम खाद्य सुरक्षा विधेयक को और अधिक व्यावहारिक बनायेंगे और छत्तीसगढ़ के समान सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार होगा।
- हम भूजल और सिंचाई की समस्या के उचित समाधान के लिए एक राष्ट्रीय जल नीति देंगे।
- हम कृषि ऋण की नीति का पुनर्निर्धारण करेंगे।
- हम दूध उत्पादन और डेयरी उद्योग को प्राथमिकता देंगे।
- पंजाब और हरियाणा में जहां मिट्टी की उर्वरता में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण से कमी आई है, भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व उचित मुल्य पर उपलब्ध करायेंगे।
- हम गांव स्तर पर बिजली और पानी के लिए एक 'समेकित नीति' सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोगैस का उपयोग करने के लिए देंगे।
- कृषि क्षेत्र में यथासंभव जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और स्वदेशी तकनीक जैसे चावल गहनता प्रणाली(एसआरआई) की तरह, गेहूं गहनता प्रणाली (श्रृंगार) की तकनीक, जिसमें कम पानी और जैव उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, के माध्यम से गेहूं और चावल के उत्पादन को बढ़ावा देने और जीएम प्रौद्योगिकी के बिना खेती की जाये, प्रारंभिक परीक्षणों में परिणाम बहुत उत्साह वर्धक कर रहे है, को लागु व प्रोत्साहित करेंगे।
- We will promote organic farming in agricultural sector as far as possible and promote production of rice and wheat through Swadeshi technology like System of Rice Intensification (SRI), System of Wheat Intensification (SWI) in which less water and organic fertilizers are used and cultivation is done without GM technology. The results are very encouraging in the initial tests.
महिलाओं से अमानवीय अपराध में वृद्धि:
इन जघन्य घटनाओं से दिल्ली व देश तड़प उठे। वर्मा कमेटी का गठन हुआ, उस पर रिपोर्ट आई। सरकार ने अध्यादेश भी जारी किया, देश के शांत होते ही सरकार शांत हो गई। अध्यादेश पर संसद में चर्चा कराने का सरकार के पास समय नहीं है। यदि हमें सत्ता में आने का अवसर मिलता है तो हम प्रयास करेंगे कि ऐसे अमानवीय अपराध में मृत्यु दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए। अकेले कठोर दंड नहीं, इस के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जाना होगा। सबसे पहले, पुलिस और प्रशासन के स्तर पर सक्रियता के साथ संवेदीकरण बढ़ाना। और दूसरी महिलाओं की भागीदारी से समाज में जागरूकता अभियान आयोजित करना । और तीसरे नैतिक शिक्षा और संस्कार में प्रशिक्षण देना आवश्यक बनाया जाना चाहिए।
भारत आज पूरे विश्व के सबसे अधिक युवाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्जित कई उपलब्धियां/कीर्तिमानों का सबसे युवा देश है। विश्व में सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों में भारतीय युवकों ने अपनी पहचान बनाई है। किन्तु एक अन्य वास्तविकता भी है कि भारत के युवाओं के दो तिहाई गांवों में रहते हैं। यह युवा जो सबसे बडे नक्सली प्रभाव के तहत आने वाले अनुभाग झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओड़िसा, आंध्र प्रदेश, बंगाल और बिहार के पिछड़े क्षेत्रों में गरीबी और बेरोजगारी के साथ संघर्ष कर रहा है। कहने का उद्देश्य है कि भारत में युवाओं की समस्या विविध है किन्तु सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। क्योंकि यह पहली समस्या है जो युवाओं को आसानी से अपराध और आतंकवाद की ओर खींचती है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में अधिकतम रोजगार सृजन राजग शासन के समय किया गया था और यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण बेरोजगारी में लगातार वृद्धि हुई है। युवाओं से जुड़ा हुआ एक अन्य पक्ष है, नैतिक मूल्यों में गिरावट का। दिल्ली सामूहिक बलात्कार के मामले में एक तरह से यह संकट दिखा भी है। समाज और सरकार के साथ हमें युवाओं को भारतीय और नैतिक मूल्यों के प्रति रूचि बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
जम्मू और कश्मीर: जम्मू और कश्मीर के आतंकवादी संगठनों द्वारा पंचायत स्तर पर लोकतंत्र को नष्ट किया गया और विगत एक वर्ष में कई सरपंच मारे गए हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार पंचायतों को आर्थिक सहयोग व सरपंचों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भी विफल रही है। आतंकवादी संगठनों ने सार्वजनिक रूप से सरपंचों को त्याग पत्र देने के लिए धमकाया है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया है, किन्तु यूपीए सरकार ने इस पर चुप्पी बनाए रखी है।
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में 111 सीटें है जिनमें से पीओके निहित 24 सीटें खाली रहती हैं। इस रूप में मात्र 87 सीटों पर ही चुनाव आयोजित कर रहे हैं। हमें लगता है कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों से नामांकन के द्वारा इन 24 सीटों को भरने के लिए प्रावधान बनाया जाना चाहिए।
तेलंगाना और अलग राज्य के मुद्दे
तेलंगाना के गठन के लिए कई वर्षों से जन आंदोलन चल रहा है किन्तु यूपीए सरकार जान - बूझकर अनदेखी कर रही है। तेलंगाना के गठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने में केंद्रीय गृह मंत्री ने 28 जनवरी की समय सीमा निर्धारित की थी। फिर भी तेलंगाना का सपना आज तक साकार नहीं किया गया है। आभास लगाना कठिन नहीं है कि आंध्र प्रदेश की यह सरकार नक्सल समूहों और हैदराबाद में सक्रिय जेहादी समूहों के प्रति उदार है। यह तेलंगाना आंदोलन दबाने में कठोरता को देखा जा सकता है। तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को हम समझते हैं और यदि केंद्र में राजग सरकार का गठन हुआ तो हम तेलंगाना राज्य के गठन के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे।
यूपीए सरकार के अनैतिक भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से त्रस्त देश की जनता के लिए, इस संदर्भ में अटल जी के नेतृत्व में राजग सरकार की स्मृति स्वर्ण युग की स्मृति की तरह है। हमारी आज की राज्य सरकारों ने विकास और सुशासन की उस परंपरा को जीवित रखा व अनेक कीर्तिमान भी बनाये है।
छत्तीसगढ़:
राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण लगातार बढ़ रहा है। विकास दर के संदर्भ में छत्तीसगढ़ चार अग्रणीधावक राज्यों में से एक है। वर्ष 2009-10 में छत्तीसगढ़ की विकास दर 11.49 % थी, जो कि देश में एक वर्ष में सबसे अधिक है। कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विकास दर में भी छत्तीसगढ़ पाँच उच्चतम अग्रणी राज्यों के में एक है। हमारी सरकार के शासन के तहत प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 350 इकाईयों से बढ़कर प्रति वर्ष 1547 इकाई हो गई है।
खाद्य सुरक्षा कानून बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इस प्रदेश की जनसंख्या का 90 % इसके तहत भोजन और प्रोटीन सुरक्षा के लाभ पाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में छत्तीसगढ़ ने देश के समक्ष एक भव्य उदाहरण दिया है।
http://bjp.org/images/pdf_2013/presentationversionfoodppt03.03.2013.pdf
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=V0I3ju11uog
कर्नाटक:
दोस्तों, दक्षिण भारत में पहली भाजपा सरकार कर्नाटक में बनी। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने विगत चार वर्षों में कई अद्भुत काम किये है। आईटी और मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ, कृषि के क्षेत्र में भी कर्णाटक ने अब तक की उच्च विकास दर प्राप्त की। कृषि के क्षेत्र में वर्ष 2011-12 का अलग कृषि बजट तथा शून्य % दर पर किसानों को ऋण देने में कर्नाटक देश का पहला राज्य बन गया है। इस के लिए 2011 में कर्नाटक राज्य ने कृषि के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए 'राष्ट्रीय कृषि नेतृत्व पुरस्कार' प्राप्त किया।
रोजगार के लिए दक्षता विकसित करने के लिए कर्नाटक 'कौशल आयोग' का गठन करने वाला देश में पहला राज्य बन गया। हमें दृढ़ विश्वास है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के शानदार प्रदर्शन से फिर से अपनी सरकार बन जाएगी।
बिहार:
पूरा देश साक्षी है, बिहार में राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद जिस स्तर का परिवर्तन लाया गया। बिहार सरकार ने कुछ असाधारण कार्य किये है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 11.95% वृद्धि दर से बिहार सर्वोच्च रहा। यह पहला राज्य बन गया है जहाँ कृषि से संबंधित 18 विभागों के संयोजन के द्वारा एक कृषि कैबिनेट का गठन किया गया है। बिहार सरकार ने कृषि का जो मार्ग अपनाया है, इस कुशल कृषि नीति के माध्यम से नालंदा जिले में एक किसान ने चावल की प्रति हेक्टेयर 22 टन के उत्पादन से एक विश्व रिकॉर्ड की स्थापना की है।पहले यह रिकॉर्ड चीन के पास था।
पंजाब:
पंजाब की राजग सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वे पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा बनाये गए अत्यधिक सांप्रदायिक वातावरण को सामान्य बनाने में सफल रही है। इसके साथ, विकास के कई नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। पंजाब सरकार ने कृषि उत्पादन की उनकी शानदार परम्परा को बनाए रखने के साथ, मूलभूत ढांचे और औद्योगिक विकास की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य शुरू किया है। इस कारण हमने पंजाब के इतिहास में पहली बार दूसरे कार्यकाल के जीत का अनुभव मिला है।
मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश सरकार ने विकास की एक नई गाथा लिखी है. प्रति व्यक्ति आय 3 गुणा हो गयी है और कृषि विकास दर ने 19 % के रिकार्ड स्तर को छुआ है। यह 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की क्षमता का गुजरात के बाद दूसरा राज्य हो गया है। मध्य प्रदेश सरकार की 'लाडली लक्ष्मी योजना' जैसे कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय चर्चा का विषय बने है। मध्य प्रदेश सरकार ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम दिया है, जो एक निश्चित अवधि में निर्णय सुनिश्चित करता है। सौ से अधिक सेवाओं का समूह इसके दायरे में लाया गया। विश्व बैंक ने इस की प्रशंसा की है और संयुक्त राष्ट्र ने अच्छे प्रशासन के लिए मध्य प्रदेश सरकार को सम्मानित किया है। सरकार ने 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना' द्वारा एक अद्वितीय सांस्कृतिक पहल शुरू की है।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=F_Z704yPlGYगोवा:
गोवा में भाजपा सरकार ने कई अन्य विकास कार्यों के साथ साथ बड़ी मूलभूत ढांचा परियोजनाओं को शुरू किया है। गोवा डीजल और पेट्रोल के मूल्य को कम करने वाला पहला राज्य है। यहाँ भी सक्रिय 'लाडली लक्ष्मी योजना' और 'गृह आधार योजना' जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ, राज्य के लगभग सभी लोगों को इलेक्ट्रॉनिक राशन कार्ड जारी किए गए हैं। सरकार 'नव कामधेनु सुधारित योजना' के माध्यम से दुधारू गायों की खरीद पर 90 % तक सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। मनोहर परिकर नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए, विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक को भी पारित कर दिया है।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=yx9xxkEBoCU
गुजरात:
गुजरात सरकार द्वारा निर्धारित विकास के कार्यों की न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में प्रशंसा की जा रही है। गुजरात कुशल और पारदर्शी प्रशासन का एक उदाहरण बन गया है। यह हर किसी के लिए 24 घंटे बिजली और अब साफ पानी उपलब्ध कराने वाला प्रथम राज्य है। चूंकि विगत 11 वर्ष से कृषि विकास दर 10 % से ऊपर है। सभी किसानों के पास मिट्टी कार्ड हैं और 'चिरंजीवी योजना' जैसे कार्यक्रमों के द्वारा हर गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा प्राप्त है।
गुजरात के कुशल प्रशासन की यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में भी प्रशंसा की जा रही है। गुजरात भाजपा के लिए गौरव का एक प्रतीक बन गया है।
तो हमारे सभी राज्य सरकारों ने सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=iMOJLGLUzbQ
बूथ समिति:
भाजपा में एक बड़ा संगठन है. लेकिन यह जमीनी स्तर पर ले हम सब की जिम्मेदारी है. हम पहले से ही बूथ स्तर के लिए हमारे संगठन लेने के कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक विशिष्ट समय सीमा में सभी बूथ स्तरीय समितियों का गठन किया जाना चाहिए.
और भी हैं... इक्कीसवीं शताब्दी हमारी होगी: भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक 2 -3, मार्च 2013 , पूरा पदें http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html
मान्यता धरोहर ज्ञान विज्ञान शैली: ये ब्लाग देखें
धर्म संस्कृति:- http://www.dharmsanskrutidarpan.blogspot.com/
ज्ञान विज्ञान:- http://www.gyaanvigyaandarpan.blogspot.com/
जीवन शैली:- http://www.jeevanshailydarpan.blogspot.com/
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सम्बद्ध वीडियो देखें :
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=-xhUX3Moubc
2) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=GCHwfRKsFIw#!
3) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=3DR3WO0EfPg
4)
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=EkoSiWy2YNY
2) http://www.bjp.org/index.php?option=com_content&view=article&id=8598:points-made-shri-m-venkaiah-naidu-while-intervening-in-debate-on-political-resolution&catid=68:press-releases&Itemid=494
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