शिक्षा के बारे में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। पूरा पढ़ने हेतु कृ यहाँ बटन दबाएँ -
हमें, यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए |
आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
हमें, यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए |
आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण