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Friday, 11 December 2015

महान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती

Image result for सुब्रमण्य भारतीमहान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती 
सुब्रमण्य भारती, சுப்பிரமணிய பாரதி ரஷ்ற்றகவி, 
जन्म दिवस 11 दिसं 2015  न दि 
बात चाहे साहित्य की हो या राजनीति की, गद्य की हो या पद्य की, तमिल की हो या अंग्रेजी की, सुब्रमण्य भारती का कोई सानी दृष्टी में नहीं आता। भारत के महान कवियों में सुविख्यात भारती ने मात्र साहित्य के क्षेत्र में ही अपना बहुमूल्य योगदान नहीं दिया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने अपना परचम लहराया। महाकवि भारती अथवा महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जुड़े सेनानी, समाज सुधारकपत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, श्री अरविंद और वीवीएस अय्यर जैसी शीर्ष नायकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत को दासत्व की बेड़ियों से बाहर निकालने का प्रयास किया। 
Image result for सुब्रमण्य भारतीआधुनिक तमिल साहित्य का जनक और केंद्र बिंदु, सुब्रमण्य भारती गद्य और पद्य लेखन में काफी परिपक्व थे। उन्होंने कई लघु कथाएं भी लिखी थीं। उन्होंने तमिल कविता में एक नई शैली 'पुथुक्कविताई' अर्थात आधुनिक कविता की रचना की थी। तमिल सबसे मधुर भाषा करार देने वाले भारती ने, एक कविता लिखी थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि आज तक उन्होंने तमिल से मधुर भाषा नहीं देखी। भारती तमिल के साथ−साथ तेलुगु, बंगाली, हिन्दी, संस्कृत, फ्रेंच और अंग्रेजी में भी निपुण थे। 
तमिलनाडु के 'एट्टायापुरम' गांव में 11 दिसंबर 1882 को तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे सुब्रमण्य की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे, तो उन्हें एक कवि सम्मेलन में बुलाया गया और जहाँ उन्होंने कविता पाठ से प्रभावित किया। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। 1898 में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। आगामी चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् 1900 तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और भगिनी निवेदिताअरविंद और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। 
जहां तक सुब्रमण्य के पत्रकारिता जीवन की बात है, तो वह भी अपने आप में काफी गौरवशाली रहा। भारती ही देश के एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने पहली बार अपने समाचारपत्र में प्रहसन और राजनीतिक कार्टूनों को स्थान दिया।भारती ने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही  महत्वपूर्ण योगदान दिया था और कई बार जेल यात्रा भी की थी। भारती जब पांडिचेरी में थे तो उन्होंने श्री अरविंद के साथ मिलकर काम किया था और वे दोनों बड़े अच्छे मित्र थे। जीवन के हर क्षेत्र में अपना महत्व रखने वाले भारती का देहांत, बड़े ही मार्मिक ढंग से हुआ। वास्तव में, जिस हाथी को वह प्रति दिन चारा खिलाया करते थे, उसी ने उन्हें कुचल दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और इस घटना के कुछ ही दिनों बाद 11 सितंबर 1921 को उनका देहांत हो गया। 
प्रमुख रचनाएँ  ‘स्वदेश गीतांगल’ (1908) तथा ‘जन्मभूमि’ (1909) उनके देशभिक्तपूर्ण काव्य माने जाते हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम् और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति ललकार के भाव स्पष्ट हैं। एक कविता में भारती ने ‘भारत का जाप करो’ की राह दी है।
तुम स्वयं ज्योति हो मां,
शौर्य स्वरूपिणी हो तुम मां,
दुःख और कपट की संहारिका हो मां,
तुम्हारी अनुकम्पा का प्रार्थी हूं मैं मां।
(डॉ॰ भारती की कविता ‘मुक्ति का आह्वान’ से)
‘एक होने में जीवन है। यदि हमारे बीच ऐक्य भाव नहीं रहा, तो सबकी अवनति है। इसमें हम सबका सम्यक उद्घार होना चाहिए। उक्त ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमें और क्या चाहिए?’
हम दासत्व रूपी धन्धे की शरण में प़डकर, बीते हुए दिनों के लिए मन में लिज्जत होकर, द्वंद्वों एवं निंदाओं से निवृत्त होने के लिए; इस गुलामी की स्थिति को (थू कहकर) धिक्कारने के लिए ‘वंदे मातरम्’ कहेंगे। 
काश ! तमिल अपने प्रेरणा पुञ्ज से प्रकाशित हो कर, अपनी ऊर्जा को जागृत कर, 
जड़ों को सुदृढ़ करे। उस राष्ट्र भक्त की जयंती का यही सच्चा उपहार होगा। युगदर्पण 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
http://samaajdarpan.blogspot.in/2015/12/133.html
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"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

Friday, 4 December 2015

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का दृष्टिकोण (संबोधन में)


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली में हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स लीडरशिप समिट को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत की सुनहरे भविष्‍य की ओर यात्रा का विवरण देते हुए कहा कि भारत की वर्तमान स्थिति को विश्‍व के संदर्भ में देखने के साथ-साथ कुछ वर्ष पहले भारत कहाँ था इस संदर्भ में देखना होगा। 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत के आर्थिक सुधारों के प्रति अपने दृष्टिकोण का विवरण देते हुए, हाल ही मिली कुछ बड़ी आर्थिक सफलताओं, जिनमें 7.4 प्रतिशत आर्थिक विकास दर और व्‍यापार करने के लिए सुगमता में उन्‍नति सम्मिलित है, का उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार करने के लिए सुगमता में बढ़ोतरी केवल केंद्र और राज्‍य के मिलकर काम करने के कारण मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्‍यों को 14वें वित्‍त आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप अतिरिक्‍त वित्‍तीय सहायता दी गई है। 
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि एलपीजी सब्सिडी के प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण और एलईडी लाइटिंग योजना से करोड़ों रूपये की बचत की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि यूरिया में नीम की परत चढ़ाने से इसके कृषि क्षेत्र के अतिरिक्‍त दूसरे क्षेत्रों में उपयोग को रोकने में सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने बिहार में दो लोकोमोटिव निर्माण इकाईयों के लिए हाल ही में रेल क्षेत्र में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश का उल्‍लेख भी किया।  
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत बिना बिजली वाले 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्रगति हर कोई ग्रामीण विद्युतीकरण एप के द्वारा देख सकता है। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
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पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण

Tuesday, 17 November 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। 
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.
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Thursday, 17 September 2015

जीवेत शरद: शतम्,

जीवेत शरद: शतम्,
जीवेत शरद: शतम्, ''ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य और राष्ट्र की सेवा करने के सभी प्रयासों में आपके सफलता एवं आज के इस महाराणा प्रताप '65 वर्षीय प्रमं नरेंद्र मोदी जी' को परमात्मा जयचंदो- मानसिंहों के सभी कुचक्रों से बचाये।’’ इन शुभकामनाओं सहित - तिलक, युगदर्पण मीडिया समूह 7531949051.
अब हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। इसका एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण "राष्ट्र वादी मीडिया" सुदृढ़ हो सकता है।http://yugdarpans.simplesite.com/420221452
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Thursday, 30 July 2015

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम

युगपुरुष डा कलाम को अंतिम सलाम 
जीवन यात्रा 15 अक्टू 1931 -27 जुलाई 2015

धनुष्कोटी गाँव, रामेश्वरम तमिलनाडु के मध्यम वर्गीय मुस्लिम संयुक्त परिवार में जन्मे महान व्यक्तित्व के धनी,  अंतरिक्ष विज्ञानं, परमाणु व विज्ञानं के अन्य क्षेत्रों में भारत एक महाशक्ति के स्वपन दृष्टा, मिसाइल मैन अनंत में लीन, उनके स्वप्न को साकार करना ही, एक सच्ची श्रद्धांजलि। देश के 125 कोटि दिलों की धड़कन की भावभीनी अंतिम विदाई में, समाज का हर वर्ग जाति समुदाय, हर आयु का हर व्यक्ति ऐसी पीड़ा का अनुभव कर रहा था जैसे राम वनवास में अयोध्या। किन्तु ये राम कभी लौट कर तो नहीं आएगा, केवल स्मृती पटल पर अमिट छाप के साथ अमर हो, धनुष्कोटी
के पी करूम्बु ग्राउंड की मिट्टी में सो गया।
आरम्भिक शिक्षा के संस्कार "जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भलीभाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।" राष्ट्रवादी सोच तथा व्यक्तिगत जीवन में शाकाहारी अति अनुशासनप्रिय डॉक्टर कलाम 18 जुलाई 2002 को 90 % बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुने गये थे। भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाली जीवनी "विंग्स ऑफ फायर", आत्मिक विचारों को उद्घाटित करती "गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ", राष्ट्रिय चिंतन पर इंडिया 2020 ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया' पुस्तकों सहित तमिल भाषा में कविताओं के रचयिता युगपुरुष डा कलाम, युगों युगों तक सदा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। 



सफलता का आनन्द कठिनाइयों के पार मिलता है। डा कलाम
वे किसी एक जाति के नहीं, राष्ट्र के सच्चे सपूत थे। उन्हें कोटि कोटि नमन। संपादक युगदर्पण 7531949051 
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Sunday, 17 May 2015

20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन

17, मई 2015 आज 20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 


स्व. सुशीला देवी रेलन जी, की 20 वीं पुण्य तिथि ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी रविवार 17 मई 2015. 20 वर्ष पूर्व आपने नश्वर शरीर त्याग दिया, किन्तु हमारे ह्रदय मंदिर में आप सदा ही विराजमान रही हैं। हम सब आपको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।  
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का
सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
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Wednesday, 31 December 2014

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं;

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
নববর্ষ, નવા વર્ષની, New Year, ಹೊಸ ವರ್ಷದ, പുതുവർഷം, नवीन वर्ष, 
புத்தாண்டு, న్యూ ఇయర్, ਨਵਾਂ ਸਾਲ, نئے سال
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, 
जनवरी 2015, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भवदीय... तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 07531949051.

Bangla... 

 অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; (দাসত্ব সংকেত / সাইন, যা তুষ্ট হতে পারে) উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং "জানুয়ারি 1, 2015,হী কেন ? বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. YDMS 09911111611. 
Tamil... "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்"
 "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்; (மயக்க இது அடிமைத்தன சமிக்ஞை / அடையாளம்,) உமங்க் உட்சாஹ், சாஹெ சித்னா டிக்ஹாஎன்; செட்ர் கே நவ்ராற்றே, ஜப் ஜப் பீ ஆயேன்; கர் கர் சஜாயேன், உமாங் கே தீபக் ஜலாயேன்; ஆனந்த சே, பிராமாந்து தக் கோ மஹ்காயென்; விஷ்வ மீ, பாரத் கா கௌரவ் படாஎன். "ஜனவரி 1, 2015, ஏன்ஒரே ஒரு? வ வர்ஷ் கே 365 டின் ஹாய் மங்கலமாய் ஹோண், பாரத் பிராஷ்டாச்சர் வ ஆடன்க்வாத் சே முகத் ஹோ, ஹம அப்னே ஆதர்ஷ் வ சன்ச்க்ருடி கோ புன்ர்ப்ரடிஷ்திட் கற் சகேன் ! இன்ஹி சுபா காமனாஒன் கே சாத், பாவ்டிய.. திலக் சம்பாடக் யுக டர்பன் ராஷ்ட்ரிய சப்டாஹிக் ஹிந்தி சமாச்சார்-பற்ற. YDMS 09911111611.
 Eng.  "One may celebrate even English New Year, (Slavery signal / sign, you may coax) with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, Why January 1, 2013, alone ? All the 365 days of the year are Auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. YDMS 09,911,111,611.
 Odiya ..not getting ? 
 "Angrejee kaa nav-varsh, bhale hi manaayen; (Gulaami ke sanket /  , jo  manana  chahen ? umang utsaah, chaahe jitnaa dikhaayen; chetr ke nav-raatre, jab jab bhi aayen; ghar ghar sajaayen, umang ke deepak jalaayen; Aanand se, brahmaand tak ko mahkaayen; Vishva me, Bhaarat kaa gaurav badaayen." matr 1 Jan 2015, hi kyon ? varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bhaarat bhrashtaachar v aatankvaad se mukt ho, ham apne aadarsh v sanskruti ko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakaamanaaon ke saath, bhavdiya.. Tilak Sampaadak Yug Darpan Raashtriya Saptaahik Hindi Samaachar-Patra. YDMS 09911111611.
 Telugu "అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; 
"అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; (పొగడ్తలు ఇది బానిసత్వం సిగ్నల్ / గుర్తు) ఉమంగ్ ఉత్సః, చాహే జితనా దిఖాఎన్; చేతర్ కె నవరాత్రు, జబ జబ భి ఆయెన్; ఘర్ ఘర్ సజాఎన్, ఉమంగ్ కె దీపక్ జలాఎన్; ఆనంద్ సే, బ్రహ్మాండ్ తక కో మహ్కాఎన్; విశ్వ మే, భారత్ కా గౌరవ్ బదాఎన్. " జనవరి 1, 2015, ఎందుకు మాత్రమే  వ వర్ష కె 365 దిన్ హాయ్ మంగల్మి హాన్, భారత్ భ్రష్టాచార్ వ ఆటన్క్వాద్ సే ముక్త  హో, హం అపనే ఆదర్శ్ వ సంస్కృతి కో పున్ర్ప్రతిశ్తిట్ కర్ సకేన్ ! ఇంహి శుభాకామనావున్ కె సాత్, భవదీయ.. తిలక్ సంపాదక్ యుగ దర్పన్ రాష్ట్రీయ సప్తాహిక్ హిందీ సమాచార్-పాత్ర. YDMS 09911111611.
 Gujrati અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; 
"અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; (સ્લેવરી સિગ્નલ / સાઇન છે, કે જે મનાવવું શકે છે) ઉમંગ ઉત્સાહ, ચાહે જીતના દીખાયેન; ચેત્ર કે નવરાત્રે, જબ જબ ભી આયેન; ઘર ઘર સજાયેન, ઉમંગ કે દિપક જલાયેન; આનંદ સે, બ્રહ્માંડ તક કો મહ્કાયેન; વિશ્વ મેં, ભારત કા ગૌરવ  બદાયેન. "માત્ર જાન્યુઆરી 1, 2015, શા માટે? વર્ષ કે 365 દિન હી મંગલમય હોં, ભારત ભ્રષ્ટાચાર વ આતંકવાદ સે મુક્ત હો, હમ અપને આદર્શ વ સંસ્કૃતિ કો પુન્ર્પ્રતીશ્થીત કર સકેં ! ઇન્હી શુભકામનાઓન કે સાથ, ભવદીય.. તિલક સંપાદક યુગ દર્પણ રાષ્ટ્રીય સાપ્તાહિક હિન્દી સમાચાર -પત્ર.YDMS 09911111611.
 kannad "ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; 
"ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; (ಏಕಾಕ್ಷ ಇದು ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಸಂಕೇತ / ಸೈನ್) ಉಮಂಗ್ ಉತ್ಸಃ, ಚಾಹೆ ಜಿತನಾ ದಿಖಾಯೇನ್; ಚೆತ್ರ್ ಕೆ ನವ್ರಾತ್ರೆ, ಜಬ್ ಜಬ್ ಭಿ ಆಯೇನ್; ಘರ್ ಘರ್ ಸಜಾಯೇನ್, ಉಮಂಗ್ ಕೆ ದೀಪಕ್ ಜಲಾಯೇನ್; ಆನಂದ್ ಸೆ, ಬ್ರಹ್ಮಾಂದ್ ತಕ ಕೊ ಮಹ್ಕಾಯೇನ್; ವಿಶ್ವ ಮೇ, ಭಾರತ ಕಾ ಗೌರವ್ ಬದಾಯೇನ್. "ಜನವರಿ 1, 2015, ಏಕೆ ಮಾತ್ರ ವ ವರ್ಷ ಕೆ 365 ದೀನ್ ಹಿ ಮಂಗಲ್ಮಿ ಹೊಂ, ಭಾರತ ಭ್ರಷ್ತಾಚರ್ ವ ಆತಂಕ್ವಾದ್ ಸೆ ಮುಕ್ತ ಹೊ, ಹಮ್ ಅಪನೇ ಆದರ್ಶ್ ವ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕೊ ಪುನ್ರ್ಪ್ರತಿಷ್ಟ್ಹತ್  ಕರ್  ಸಕೆನ್ ! ಇನ್ಹಿ ಶುಭಕಾಮನಾಒನ್ ಕೆ ಸಾಥ್, ಭಾವ್ದಿಯ.. ತಿಲಕ್ ಸಂಪಾಡಕ್ ಯುಗ ದರ್ಪಣ್ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸಪ್ತಾಹಿಕ್ ಹಿಂದಿ ಸಮಾಚಾರ್ -ಪತ್ರ . YDMS 09911111611.
 Gumu. "ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ
"ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ, ਗੁਲਾਮੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ /ਸੰਕੇਤ, ਉਮੰਗ ਉਤਸਾਹ ਚਾਹੇ ਜਿਤਨਾ ਦਿਖਾਓ; ਚੇਤਰ ਦੇ ਨਵਰਾਤਰੇ ਜਦ ਜਦ ਵੀ ਆਉਣ; ਘਰ ਘਰ ਸਜਾਓ, ਉਮੰਗ ਦੇ ਦੀਪਕ ਜਲਾਓ; ਆਨਾਨਾਦ ਨਾ ਬ੍ਰਹ੍ਮਾੰਡ ਨੂ ਮਹ੍ਕਾਓ, ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਗ਼ੋਰਾਵ ਵਧਾਓ. "1 ਜਨ. 2015 ਹ ਕਯੋਂ ? ਵ ਵਰ੍ਸ਼ ਦੇ 365 ਦਿਨ ਹੀ ਮੰਗਲ ਮਯ ਹੋਣ, ਭ੍ਰਸ਼੍ਟਾਚਾਰ ਤੇ ਆਤੰਕ ਵਾਦ ਤੋਂ ਭਾਰਤ ਮੁਕਤ ਹੋਵੇ, ਅਸਾਂ ਆਪਣੇ ਆਦਰ੍ਸ਼ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤਿ ਨੂੰ ਫੇਰ ਸ੍ਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਿਏ ! ਇਨਹਾਂ ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਪਦਾ.. ਤਿਲਕ -ਸੰਪਾਦਕ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, ਰਾਸ਼੍ਟ੍ਰੀਯ ਸਾਪ੍ਤਾਹਿਕ ਸਮਾਚਾਰ ਪਤ੍ਰ. YDMS 09911111611.
 malm "അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; 
"അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; (ഗുലാമി ക പ്രറ്റീക്/സന്കെറ്റ്, ജോ മനന ചാഹെ) ഉമന്ഗ് ഉറ്റ്സാഹ്, ചാഹെ ജിതനാ ദിഖയെന്‍; ചേട്ര്‍ കെ നവ്രട്രെ, ജബ് ജബ് ഭീ ആയെന്‍; ഘര്‍ ഘര്‍ സജായെന്‍, ഉമന്ഗ് കെ ദീപക് ജലായെന്‍; ആനന്ദ് സെ, ബ്രഹ്മാന്ദ് ടാക് കോ മഹാകായെന്‍; വിശ്വ് മി, ഭാരത കാ ഗൌരവ് ബടായെന്‍. "ഐ ജന. 2015 ഹി ക്യോന്‍? വ വര്‍ഷ കെ 365 ദിന്‍ ഹി മങ്ങല്‍മി ഹോണ്‍, ഭാരത ഭ്രാഷ്ടാചാര്‍ വ ആടങ്ക്വാദ് സെ മുക്റ്റ് ഹോ, ഹാം അപ്നെ ആദര്‍ശ് വ സന്സ്ക്രുടി കോ പുന്ര്പ്രടിശ്തിറ്റ് കാര്‍ സകെന്‍ ! ഇന്ഹി ശുഭ കാമ്നാഒന്‌ കെ സാത്, ഭവദീയ.. തിളക് സംപാടാക് യുഗ്ദാര്പന്‍ രാഷ്ട്രീയ ഹിന്ദി സമാചാര്‍ പടര്‍. YDMS 09911111611. 




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