Tuesday, 22 January 2013
शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है संघ ?
शर्मनिर्पेक्ष नेताओं को क्यों खटकता है, रा. स्व. संघ ?
भारत सरकार की आतंकी सूची में संघ का नाम नहीं है। तब शर्म निर्पेक्ष नेता किसी राजनैतिक आतंक सूची में संघ का नाम डाल रहे हैं। व सूची का आधार क्या है ?
जब नपुंसक नेता, देश की रक्षा में असमर्थ रहे। शत्रुओं से सांठ गांठ करें। तब देश व समाज का सहारा रा. स्व. संघ ही है। संघ व देश के सैनिक का शस्त्र व प्रशिक्षण, देश की रक्षा के लिए ही होता है। सैनिक के हाथ तुम बांध लेते हो; संघ तुम्हारे आधीन नहीं है। जो तुम्हारी मनमानी स्वीकार न करे, वह खटकना स्वाभाविक ही है।
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
भारत सरकार की आतंकी सूची में संघ का नाम नहीं है। तब शर्म निर्पेक्ष नेता किसी राजनैतिक आतंक सूची में संघ का नाम डाल रहे हैं। व सूची का आधार क्या है ?
जब नपुंसक नेता, देश की रक्षा में असमर्थ रहे। शत्रुओं से सांठ गांठ करें। तब देश व समाज का सहारा रा. स्व. संघ ही है। संघ व देश के सैनिक का शस्त्र व प्रशिक्षण, देश की रक्षा के लिए ही होता है। सैनिक के हाथ तुम बांध लेते हो; संघ तुम्हारे आधीन नहीं है। जो तुम्हारी मनमानी स्वीकार न करे, वह खटकना स्वाभाविक ही है।
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | छद्म वेश में फिर आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व || -तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
Labels:
yuvaa,
चिंतन,
धर्म,
राजनैतिक पाखंड,
संस्कृति,
सामूहिक महाचर्चा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
कृप्या प्रतिक्रिया दें, आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्व पूर्ण है | इस से संशोधन और उत्साह पाकर हम आपको श्रेष्ठतम सामग्री दे सकेंगे | धन्यवाद -तिलक संपादक