रेल दर्पण
भारतीय रेल- कश्मीर घाटी में रेल सेवाएं बहाल कर
कुल 16 रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं।
पसूका/ युदस नदि: 26 नव 2019 सर्दी के मौसम में कश्मीर घाटी में बर्फहोने के कारण वाहनों की आवागमन प्राय: बाधित रहता है। इस स्थिति में कश्मीर घाटी में रेल परिचालन को परिवहन का श्रेष्ठ माध्यम समझा जाता है। बारामूला से बनिहाल तक (138 किलोमीटर) क्षेत्र के बीच स्थानीय यात्री रेलगाड़ी से यात्रा करते हैं। इनके लाभ के लिए भारतीय रेल की सेवाएं चालू हुई हैं। सरकार तथा रेल पुलिस द्वारा सुरक्षा का अवलोकन करने और उनके आश्वासनों के बाद कश्मीर घाटी में रेल सेवाएं फिर से आरम्भ करने का निर्णय लिया गया।
गत् 7 नवम्बर, 2019 को भारी बर्फ होने के कारण रेल पटरियों पर 20 से 45 सेंटीमीटर बर्फ जम गई थी। बर्फ हटाने वाली मशीनें रेल पटरियों पर लगाई गईं। रेल पटरियों पर सुरक्षित परिचालन की अनुमति से पूर्व श्रीनगर-बारामूला तथा श्रीनगर-बनिहाल खण्ड को ठीक किया गया। 10 नम्बर, 2019 को श्रीनगर-बारामूला खण्ड के बीच निरीक्षण आदि का काम किया गया। यही कार्य 16 नवम्बर, 2019 को श्रीनगर-बनिहाल खण्ड पर किया गया।
12 नवम्बर, 2019 से प्रात: 10 बजे से अपराह्न 3 बजे तक 45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से श्रीनगर-बारामूला के बीच रेलगाड़ियों की दो जोड़ियां चलाई गईं। इसी प्रकार, 17 नवम्बर को श्रीनगर-बनिहाल खण्ड पर 45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से रेल सेवाएं प्रारंभ की गईं। अब सेवाओं के समय में वृद्धि कर दी गई है और प्रात: 8 बजे से शाम 5 बजे तक रेल परिचालन हो रहा है। खण्ड की 100 किलोमीटर प्रति घंटे की सामान्य गति भी लागू कर दी गई है। अभी कुल 16 रेलगाड़ियां चल रही हैं। सभी रेल सेवाएं प्रात: 8 बजकर 5 मिनट पर आरम्भ होकर, शाम 5 बजे समाप्त हो जाती हैं।
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक राष्ट्रीय अनुष्ठान है। नकारात्मक मीडिया का सकारात्मक विकल्प -युगदर्पण
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रक्षा दर्पण
युद्ध में घायल सैनिकों की सरकारी आवास सुविधा हुई एक वर्ष
-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
पसूका/ युदस नदि: 26 नव 2019, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से युद्ध में घायल सैनिकों के लिए सरकारी आवास सुविधा को तीन माह से बढ़ाकर एक वर्ष करने का निर्णय लिया है। सशस्त्र बलों की आवश्यकताओ और मांगों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने वर्तमान प्रावधानों की समीक्षा की थी।
जबकि अभी, वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, कार्रवाई के समय घायल, मृत सैन्य कर्मियों का परिवार/उनकी विधवा दो वर्ष की अवधि के लिए सरकारी आवास की सुविधा पाने के लिए अधिकृत हैं, जिसे 1999 एवं 2006 की नीतियों के अनुसार मामले की उपयुक्तता के आधार पर एक वर्ष और छह माह की अतिरिक्त अवधि तक बढ़ाया जा सकता है।
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